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लेखनी कहानी -18-May-2022 प्यार, विश्वासघात और बदला

जब प्यार में विश्वासघात होता है 

तब ये दिल खून के आंसू रोता है 
वफा शब्द से नफरत हो जाती है
ये दुनिया बेगानी सी नजर आती है
तब बदला लेने की इच्छा पैदा होती है
कुछ कर गुजरने की तमन्ना जन्म लेती है 
मगर ऐसा करने वाला सच्चा आशिक नहीं
प्यार तो देने का नाम है लेने का नहीं 
क्या पता उसकी कोई मजबूरी रही हो
परिवार को बचाने हेतु यह दूरी सही हो
विश्वासघात मिलने पर भी जो प्यार करे
ऐसे ही प्रेमियों पर दुनिया जां निसार करे 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
18.5.22 

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6 Comments

Haaya meer

19-May-2022 12:52 PM

Amazing

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Muskan khan

19-May-2022 11:56 AM

Very nice

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Neha syed

18-May-2022 08:07 PM

Nice

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